“स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस भंग हो जाती तो देश बड़ी त्रासदियों से बच जाता”- प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर अपना जवाब दिया।
उन्होंने अपने भाषण में कोविड-19 की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण कांग्रेस की प्रतिक्रिया और टीकाकरण में देश की उपलब्धियों को स्वीकार करने से मना करने के लिए उसकी आलोचना की।
हालाँकि, प्रधानमंत्री यहीं नहीं रुके। उन्होंने 10 और बड़ी समस्याएँ गिना डालीं, जिनका भारतीयों को सामना करना पड़ा। उनके अनुसार, अगर पार्टी नहीं होती तो देश में बड़ी त्रासदियाँ ना आई होतीं।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने स्वयं स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस को भंग करने की मांग की थी। अगर उनकी यह इच्छा पूरी होती तो कांग्रेस ना होती।
- भारतीय लोकतंत्र वंशवाद के अभिशाप से मुक्त होता।
- भारत चीजों को विदेशी नज़रिए से देखने की बजाय अपने ही संकल्पों की दिशा में आगे बढ़ रहा होता।
- इमरजेंसी का काला धब्बा देश पर नहीं लगा होता।
- भ्रष्टाचार को दशकों तक संस्थागत रूप ना दिया गया होता।
- जातिवाद और क्षेत्रवाद का विभाजन इतना गहरा ना होता।
- सिखों की हत्या ना हुई होती।
- पंजाब वर्षों तक आतंकवाद की आग में नहीं जलता।
- कश्मीरी पंडितों को कश्मीर छोड़ने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता।
- तंदूरों में बेटियों को नहीं जलाया जाता।
- भारत के आम नागरिकों को आवास, सड़क, विद्युत, पानी, शौचालय जैसी मूलभूत सेवाओं के लिए इतने वर्ष प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ती।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं सूची पर जा सकता हूँ। जब कांग्रेस की सरकार थी तो देश में विकास नहीं हुआ था और जब पार्टी सरकार से बाहर है तो वह विकास में बाधा डाल रही है।