अडानी समूह की 3 टन हेरोइन बरामदगी पर सफाई, “हमारे पास जाँच का अधिकार नहीं”

राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) और सीमा शुल्क अधिकारियों ने मुंद्रा बंदरगाह पर अवैध मादक पदार्थों की बरामदगी को लेकर कई राजनीतिक दलों और मीडिया द्वारा कंपनी के विरुद्ध दुर्भावनापूर्ण सोशल मीडिया अभियान चलाने के बाद अडानी समूह ने एक बयान जारी किया।
कंपनी ने कहा कि वह केवल बंदरगाह संचालक है और उसके पास बंदरगाह पर पहुँचने वाले शिपमेंट की जाँच का अधिकार नहीं है।
बयान में कहा गया, “कानून भारत सरकार के घटक प्राधिकरणों जैसे सीमा शुल्क और डीआरआई को किसी भी गैरकानूनी कार्गो को खोलने, जाँचने और जब्त करने का अधिकार देता है। देशभर में कोई बंदरगाह संचालक कंटेनर की जाँच नहीं कर सकता। उनकी भूमिका बंदरगाह चलाने तक ही सीमित है।”
अडानी समूह ने बयान में आगे कहा, “हम पूरी अपेक्षा करते हैं कि यह बयान अडानी समूह के विरुद्ध सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे प्रेरित, दुर्भावनापूर्ण और झूठे प्रचार पर विराम लगा देगा। एपसेज़ एक बंदरगाह संचालक है, जो शिपिंग लाइनों को सेवाएँ प्रदान करता है। मुंद्रा या हमारे किसी भी बंदरगाह के टर्मिनलों से गुजरने वाले कंटेनरों या लाखों टन कार्गो पर हमारा कोई अधिकार नहीं है।”
Media statement on the malicious social media campaign against the Adani Group on the seizure of illegal drugs at Mundra Port. pic.twitter.com/z4gutdzKyK
— Adani Group (@AdaniOnline) September 21, 2021
डीआरआई ने 15 सितंबर के आसपास मुंद्रा बंदरगाह पर दो कंटेनरों से कुल 2,988.21 किलोग्राम हेरोइन बरामद की थी। इस पर कांग्रेस ने सरकार की चुप्पी और इससे निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर सवाल उठाया। विशेषकर, अफगानिस्तान से आने वाले मादक पदार्थों पर।
There are several ports across the Indian coast line, yet drug smugglers only want to use Gujarat. The all important question being, do they consider it safer? #BJPGujaratDrugsModel pic.twitter.com/qJ8JudsYb0
— Congress (@INCIndia) September 21, 2021
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “नवीनतम छापेमारी और लगभग 3 टन की मादक पदार्थों की बरामदगी न केवल भारत बल्कि विश्व में सबसे बड़ी होनी चाहिए। यह कैसे आया? यह सब करते हुए सरकार और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो क्या कर रहा है?”