यू.ए.ई. ने लड़ाकू विमान तेजस में रुचि दिखाई, एच.ए.एल. और बेल का मुआयना करेंगे यू.ए.ई. के रक्षा राज्य मंत्री

संयुक्त अरब अमीरात (यू.ए.ई.) ने कथित तौर पर हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एच.ए.एल.) द्वारा निर्मित भारत के लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस में रुचि दिखाई है, इकोनॉमिक टाइम्स ने रिपोर्ट किया।
एक दैनिक के अनुसार, यू.ए.ई. के रक्षा राज्य मंत्री जो अभी भारत दौरे पर हैं, अपने देश लौटने से पहले एच.ए.एल और भारत एलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड की सुविआओं का जायज़ा लेने बेंगलुरु जाएँगे। गल्फ में यू.ए.ई. भारत का सबसे निकट सुरक्षा साथी है।
दैनिक के अनुसार, श्रीलंका, मिस्र और सिंगापुर ने भी इससे पूर्व लड़ाकू विमान में दिलचस्पी दिखाई थी। सिंगापुर के रक्षा मंत्री एनजी इंग हेन ने पिछले साल नवंबर में कलाईकुंडा एयरबेस पर इस विमान में उड़ान भरी थी।
#WATCH Singapore Defence Minister Ng Eng Hen flew IAF LCA Tejas at Kalaikunda Air Force Station in West Bengal pic.twitter.com/LXF4VN9EjR
— ANI (@ANI) November 28, 2017
हालाँकि अभी तक कोई सौदा नहीं हुआ है और निकट भविष्य में भी सौदा होने की कम ही संभावना है क्योंकि अभी तक कॉम्बैट मिशन के लिए इस विमान को अंतिम प्रचालन अनुमति नहीं मिली है। और तो और एच.ए.एल. भारतीय वायु सेना को विमान देने के लिए संघर्ष कर रहा है क्योंकि 42 की स्वीकृत संख्या में से अभी तक यह केवल 31 लड़ाकू स्क्वाड्रन ही दे पाया है। इसके अलावा, अधिक शक्तिशाली इंजन के साथ इस विमान का और उन्नत संस्करण कुछ सालों के भीतर पहली बार उड़ान भरेगा।
भारतीय वायु सेना ने दिसंबर 2017 में 83 तेजस लड़ाकु विमानों के लिए आदेश दिया था जिससे भारत निर्मित विमानों की कुल माँग की सूची में 123 विमान हो गए हैं।